कोलाज क्या है:- 9 Types of collage

कोलाज:-

विभिन्न अनुपयोगी वस्तुएं या कागज को गोंद, फेविकोल या अन्य पदार्थ से कोई कलात्मक आकार या रूप प्रदान करना ही कोलाज है ।
” इसके अन्तर्गत सभी प्रकार के कागज के टुकडे , कपड़े , तीलियाँ , बिडी, माचिस , सिगरेट को डिब्बियां , टेका विभिन्न काँच या मिट्टी की वस्तुएं या अन्य अनुपयोगी वस्तुएं आती हैं । इन सब को गोदावोकॉल या अन्य पदार्थ से चिपकाकर , लगाकर , उभारकर , अपनी इच्छानुसार अन्तराल में इस प्रकार संयोजित किया जाए किए कोई कलात्मक रूप की अभिव्यक्ति हो सके , उसे ही कोलॉज का नाम दिया गया है ।

यह आधुनिक कला की एक प्रचितल शेली है । कोलॉज से अभिप्राय – कोलॉज भी कला के क्षेत्र में एक नवीन विधा है । यद्यपि यह कला अधिक पुरानी नहीं है , फिर भी कला विधा ने अपना अस्तित्व बना लिया है । कोलॉज कला अनुपयोगी वस्तुओं की कलात्मक ढंग से चित्रों पर चिपकाने की कला है । इस प्रकार विभिन्न प्रकार की अनुपयोगी वस्तुओं को गत्ते या लकड़ी पर जमाने या चिपकाने को कोलॉज कहते हैं । सन् 1914 में जुआन ग्रीज नामक चित्रकार ने शराब की बोतलों के लेबल , समाचार – पत्रों की कतरनों तथा तेल के रंगों से सुन्दर आकृतियाँ बनाई ।

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कोलाज क्या है

‘ कोलॉज ‘ वस्तुतः मानव के भीतर पैदा होने वाली आकृतियों और उसकी कल्पना की ऊँची उड़ान है । एक कैंची व चिपकाने के लिए गोंद या कवीकोल इसमें आवश्यक ह ै । बाकी सामान प्रकटतः इधर – उधर से वैसे ही प्राप्त किया जा सकता है । कागज की कतरन , दर्जी की दुकान से विभिन्न रंगों के कपड़ों की कतरन , मोती , मूंगफली के छिलके , सोपी , बटन , लकड़ी , टाट , काँच आदि के सामान का उपयोग करके अनेक प्रकार की सुन्दर आकृतियाँ बनाई जा सकती हैं ‘ कोलाज ‘ में भी चित्रकार अपनी अभिव्यक्ति अच्छी तरह से कर सकता है ।

अतः कोलॉज बनाने हेतु कई तरह की वस्तुओं का संकलन कर बालकों को उपलब्ध करानी होगी । बालकों को ऐसी वस्तुएँ एकत्रित करके लाने को भी प्रोत्साहित
( 1 ) पेपर कोलॉज और इसके बनाने की प्रक्रिया – सभी प्रकार के रंगीन एवं सादे कागज के द्वारा पेपर कोलाज बनाया जाता है । कागजों को लेही या गोंद से चिपकाकर कलात्मक रूप प्रदान किया जाता है । इस प्रकार के कलात्मक रूपों के लिए पूर्व में विचार कर हम कोई भी डिजाइन ( आलेखन ) , मानवाकृत्ति , पशु , पक्षी , प्रकृति को कागज के छोटे – छोटे टुकड़े द्वारा बना सकते हैं । दूसरे प्रकार के पेपर कोलाज के लिए बड़े – बड़े आकार के कागजों को चिपका कर कोई भी आधुनिक कला का रूप भी सृजित किया जा सकता है । इसमें संयोजन की बहुत सम्भावनाएं हैं।

( 2 ) मिश्रित कोलॉज और इसके बनाने की प्रक्रिया – मिश्रित कोलाज में हम किया जाए । कागजों के साथ अन्य अनुपयोगी वस्तुएं मिलाकर चिपकाना , जोड़ना , विभिन्न अनुपयोगी वस्तुओं को कलात्मक रूप प्रदान किया जा सकता है । लकड़ी के छोटे – छोटे टुकड़ों को रंगकर , जलाकर अन्य वस्तुएँ जैसे – शीशा , चीनी मिट्टी के टुकड़े , शीशी के ढक्कनों इस प्रकार संयोजित करना कि कोई विशेष प्रकार की प्लास्टिक की वस्तुएँ और मोमजामा के थैलों , डोरा आदि को भी जलाकर , भिगोकर , चिपकाया अथवा जोड़ा जा सकता है । इसमें भी संयोजन की बहुत सम्भावनाएँ हैं ।

कोलाज कई प्रकार से बनाए जा सकते हैं , जो निम्नलिखित हैं-
( 1 ) कागजों द्वारा ( रंगीन , सादे कागज )
( 2 ) कांच के टुकडों से,
( 3 ) डोरों और कपड़ों द्वारा
( 4 ) विभिन्न प्रकार के शीशे , चीनी मिट्टी के टुकड़ों द्वारा ( 5 ) विभिन्न लकड़ी के टुकड़ों द्वारा
( 6 ) रंगीन हुए व्यर्थ कपड़ों से
( 7 ) प्लास्टिक की थैलियों द्वारा
( 8 ) विभिन्न अनाज के दानों को लगाकर ( चिपकाकर ) कोलाज बनाना
( 9 ) बाजार से सजावट की सामग्री लाकर।

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